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2 Apr 2025 · 1 min read

हम अपना दर्द बांटें या ना बांटें पर हंसी बांटें

हम अपना दर्द बांटें या ना बांटें पर हंसी बांटें
भुलाकर सारे गम अपने सभी के संग खुशी बांटें
है यारी मौत से अपनी वो एक दिन आके मानेगी
उसके आने तक क्यों न सबको जिंदगी बांटें
माना कि हम मुफलिसी में जी रहे हैं मगर
हो दामन में एक कतरा भी खुशी तो वो ही बांटें
……✍️ अरविंद गिरि

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