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2 Apr 2025 · 1 min read

"जब मिलूँ"

“जब मिलूँ”
जब मिलूँ तुमको तो
ऐसे समेटना मुझको
जैसे कि पहली दफा हो
जैसे कि कभी न मिलेंगे अब
समेटना ऐसे कि
दर्द निथर जाए दिल से
पीड़ाएँ दम तोड़ दे
और ध्वस्त हो जाये
उदासियों की अगणित दीवारें।

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