नूतन वर्ष मनाने को, हिंदू राष्ट्र सजाने को,

नूतन वर्ष मनाने को, हिंदू राष्ट्र सजाने को,
पतझड़ की विदाई हो नये अंकुर उगाने को।
अब से लोभ, विकार, क्रोध को त्यागो तुम,
यारों अपनों संग, रिश्तों में प्रेम बड़ाने को।
अंधकार हटाने को, दीप नया जलाने को,
नूतन वर्ष मनाने को, हिंदू राष्ट्र सजाने को।
अनिल चौबीसा
9829246588