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30 Mar 2025 · 1 min read

खालीपन आ ठहरा

मेरे ख़ाली कमरे में खालीपन आ ठहरा।
कोलाहल है यादों का, सन्नाटा है गहरा।

भूल न पाऊं मैं कभी‌,तुम संग बीते पल
आहें मेरी सुने न कोई ,हर शख्स बहरा।

गीत विरह के गाऊं , बैठ अकेले साथी
चाहे साथ नहीं हो , दिल पे तेरा पहरा।

उदास आंखें में अश्क कैसे मैं संभालूं
साथ कोई न दे ,सब देते हैं मशवरा।

दर्द संग जीने की आदत अब हो गयी
छिल जाती है रूह , जिक्र तेरा खुरदरा।

सुरिंदर कौर

Language: Hindi
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