Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
30 Mar 2025 · 1 min read

निगाहो में कुछ इस कदर बिठा कर रखा है,

निगाहो में कुछ इस कदर बिठा कर रखा है,
दुनियाँ की नजरो से तुझे छिपा कर रखा है,
रोते हुए भी एक कतरा आँसु बहने ना दिया,
तेरी यादों में पलको को यु भीगा कर रखा है।

अनिल चौबीसा
9829246588

37 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

मज़लूम ज़िंदगानी
मज़लूम ज़िंदगानी
Shyam Sundar Subramanian
विश्व श्रमिक दिवस
विश्व श्रमिक दिवस
Neelofar Khan
कितना बदल रहे हैं हम ?
कितना बदल रहे हैं हम ?
Dr fauzia Naseem shad
चांद पर पहुंचे बधाई,ये बताओ तो।
चांद पर पहुंचे बधाई,ये बताओ तो।
सत्य कुमार प्रेमी
तेरी तस्वीर को लफ़्ज़ों से संवारा मैंने ।
तेरी तस्वीर को लफ़्ज़ों से संवारा मैंने ।
Phool gufran
लगाते भाल पर चंदन बताते गर्व से हिंदू,
लगाते भाल पर चंदन बताते गर्व से हिंदू,
Anamika Tiwari 'annpurna '
ଅତିଥି ର ବାସ୍ତବତା
ଅତିଥି ର ବାସ୍ତବତା
Bidyadhar Mantry
हादसे इस क़दर हुए
हादसे इस क़दर हुए
हिमांशु Kulshrestha
5. Tears in God's Eyes
5. Tears in God's Eyes
Santosh Khanna (world record holder)
"रस्सी"
Dr. Kishan tandon kranti
यक्षिणी-17
यक्षिणी-17
Dr MusafiR BaithA
नकाब खुशी का
नकाब खुशी का
Namita Gupta
ठण्डी राख़ - दीपक नीलपदम्
ठण्डी राख़ - दीपक नीलपदम्
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
गंगनाँगना छंद विधान ( सउदाहरण )
गंगनाँगना छंद विधान ( सउदाहरण )
Subhash Singhai
जो लोग धन को ही जीवन का उद्देश्य समझ बैठे है उनके जीवन का भो
जो लोग धन को ही जीवन का उद्देश्य समझ बैठे है उनके जीवन का भो
Rj Anand Prajapati
3929.💐 *पूर्णिका* 💐
3929.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
जीवन के अध्याय
जीवन के अध्याय
Rambali Mishra
मैं नहीं कहती
मैं नहीं कहती
Dr.Pratibha Prakash
Men are just like books. Many will judge the cover some will
Men are just like books. Many will judge the cover some will
पूर्वार्थ
वाह नेता जी!
वाह नेता जी!
Sanjay ' शून्य'
पार्टी-साटी का यह युग है...
पार्टी-साटी का यह युग है...
Ajit Kumar "Karn"
ऑंसू छुपा के पर्स में, भरती हैं पत्नियॉं
ऑंसू छुपा के पर्स में, भरती हैं पत्नियॉं
Ravi Prakash
गुरु पूर्णिमा पर ....!!!
गुरु पूर्णिमा पर ....!!!
Kanchan Khanna
अपनों को दे फायदा ,
अपनों को दे फायदा ,
sushil sarna
..
..
*प्रणय प्रभात*
आजकल नहीं बोलता हूं शर्म के मारे
आजकल नहीं बोलता हूं शर्म के मारे
Keshav kishor Kumar
प्रेम गजब है
प्रेम गजब है
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
विच्छेद
विच्छेद
Dr.sima
* भावना में *
* भावना में *
surenderpal vaidya
आपसी रंजिशें मिटने की कवायद लोगों
आपसी रंजिशें मिटने की कवायद लोगों
Shweta Soni
Loading...