Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 Mar 2025 · 1 min read

वक़्त की फ़ितरत को महफूज करें कैसे

वक़्त की फ़ितरत को महफूज करें कैसे
हम भी नहीं रहते, यादें भी नहीं रहती
डाॅ फ़ौज़िया नसीम शाद

1 Like · 30 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr fauzia Naseem shad
View all

You may also like these posts

आकांक्षाएं
आकांक्षाएं
Kanchan verma
नारी
नारी
लक्ष्मी सिंह
मुकद्दर
मुकद्दर
Phool gufran
आज का युद्ध, ख़ुद के ही विरुद्ध है
आज का युद्ध, ख़ुद के ही विरुद्ध है
सोनम पुनीत दुबे "सौम्या"
:: तस्वीरें ::
:: तस्वीरें ::
जय लगन कुमार हैप्पी
रूहानी मोहब्बत
रूहानी मोहब्बत
Shakuntla Shaku
मैंने सीखा है कि यदि आपको उस जगह को छोड़ना पड़े जहाँ आपने जी
मैंने सीखा है कि यदि आपको उस जगह को छोड़ना पड़े जहाँ आपने जी
पूर्वार्थ
* थके पथिक को *
* थके पथिक को *
surenderpal vaidya
गूंगा ज़माना बोल रहा है,
गूंगा ज़माना बोल रहा है,
Bindesh kumar jha
प्यासे मन की कल्पना,
प्यासे मन की कल्पना,
sushil sarna
I
I
Ranjeet kumar patre
जब पता चलेगा तुमको,
जब पता चलेगा तुमको,
Buddha Prakash
धरती के भगवान
धरती के भगवान
Shekhar Chandra Mitra
बादल  की  तरह आते हो ,
बादल की तरह आते हो ,
Neelofar Khan
असफलता एक चुनौती है
असफलता एक चुनौती है
भगवती पारीक 'मनु'
*ऑंखों के तुम निजी सचिव-से, चश्मा तुम्हें प्रणाम (गीत)*
*ऑंखों के तुम निजी सचिव-से, चश्मा तुम्हें प्रणाम (गीत)*
Ravi Prakash
क्यों गुजरते हुए लम्हों को यूं रोका करें हम,
क्यों गुजरते हुए लम्हों को यूं रोका करें हम,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
बे
बे
*प्रणय प्रभात*
तपती दोपहरी
तपती दोपहरी
Sudhir srivastava
ज़िंदगी में गीत खुशियों के ही गाना दोस्तो
ज़िंदगी में गीत खुशियों के ही गाना दोस्तो
Dr. Alpana Suhasini
- कभी कुछ तो कभी कुछ -
- कभी कुछ तो कभी कुछ -
bharat gehlot
3795.💐 *पूर्णिका* 💐
3795.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
मुट्ठी में जो जान
मुट्ठी में जो जान
RAMESH SHARMA
सच्चाई की डगर*
सच्चाई की डगर*
Rambali Mishra
फल की इच्छा रखने फूल नहीं तोड़ा करते.
फल की इच्छा रखने फूल नहीं तोड़ा करते.
Piyush Goel
हाइकु
हाइकु
Mukesh Kumar Rishi Verma
करवां उसका आगे ही बढ़ता रहा।
करवां उसका आगे ही बढ़ता रहा।
सत्य कुमार प्रेमी
शिक्षक दिवस
शिक्षक दिवस
ARPANA singh
आओ हम सब प्रेम से, बोलें जय श्रीराम
आओ हम सब प्रेम से, बोलें जय श्रीराम
अटल मुरादाबादी(ओज व व्यंग्य )
क्षणभंगुर
क्षणभंगुर
Vivek Pandey
Loading...