सच तुम यह बता दो हमें

सच तुम यह बता दो हमें, पूछ रहे हैं हम जो यार।
ताकि खत्म हो वहम हमारा, क्या हमसे हैं तुमको प्यार।।
सच तुम यह बता दो हमें—————–।।
हमसे है नफरत तुमको अगर, कहो हमसे तुमको क्यों है नफरत।
शक क्या है तुमको हमपे ऐसा, तुम्हारे दिल में क्या है ऐसी गफलत।।
क्या यह सब एक दिखावा है, तुम जो खेले हैं हमसे यार।
सच तुम यह बता दो हमें——————।।
जो हमसे तुमने मांगा, तुमको दिया नहीं कब वह।
हर बार तुमको दी है खुशी, चाहे हमको मिला दुःख यह।।
क्यों हमसे क्या चाहते हो, करके यूँ हमसे तकरार।
सच तुम यह बता दो हमें—————–।।
गर तुमको है प्यार किसी से, क्यों फिर करें तेरी खिदमत।
करना नहीं कल याद हमें, गर वह कर दें तुमको बर्बाद।।
तुम ऐसे खामोश क्यों हो, दिल में दर्द कोई दबाकर।
सच तुम यह बता दो हमें——————-।।
शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)