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25 Mar 2025 · 1 min read

ग़ज़ल

दिल के हालात किसी से कभी कहता भी नहीं।
सबसे अच्छा जिसे समझा है वह अच्छा भी नहीं।
❤️
मशवरा सब ने दिया उससे दूर जाने का।
जिंदगी में मेरे,कुछ उसके सिवा था भी नहीं।
❤️
जिंदगी भर हम ताल्लुक को निभाएंगे मगर।
यह मेरा वादा है पर उसका इरादा भी नहीं।
❤️
मैंने गजलें भी कही जिस के लिए जालिम ने,
सिर्फ अशआर सुना,जज्बे को समझा भी नहीं।
❤️
वह मुझे याद किया करता है तन्हाई में।
मुझसे मिलता भी नहीं और मुझे भूला भी नहीं।
❤️
राज सरबसता रहे इस के लिए मैंने भी।
हाल पूछा भी नहीं मैंने बताया भी नहीं।
❤️
जिसकी तस्वीर छुपाई है वही है दिल में।
दिल ये झूठा भी नहीं दिल पे भरोसा भी नहीं।
❤️
दिल को भाता ही नहीं उसके सिवा क्या कीजे।
उसके बदले तो किसी को कभी सोचा भी नहीं।
❤️
अपना महबूब चुना दिल ने बड़े ही दिल से।
उसके जैसा ना कोई है,कोई होगा भी नहीं।
❤️
शायरी लिख दिया था खून ए जिगर से उसने।
दर्द गम जब्त किया फूट के रोया भी नहीं।
❤️
दाद ओ तहसीन वोह अहबाब भला क्यों देंगे।
सगीर जिनका कभी भी दिल कहीं टूटा भी नही।

Language: Hindi
29 Views
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𑒔𑒰𑒙𑒳𑒏𑒰𑒩𑒱𑒞𑒰,𑒢𑒱𑒖 𑒮𑓂𑒫𑒰𑒩𑓂𑒟,𑒢𑒱𑒖 𑒨𑒬𑒑𑒰𑒢 𑒂 𑒦𑒹𑒠𑒦𑒰𑒫 𑒏 𑒖𑒰𑒪 𑒧𑒹 𑒅𑒗𑒩𑒰𑒨𑒪 𑒧𑒻
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