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23 Mar 2025 · 1 min read

बड़े समय के बाद हम रुख में आ रहे हैं

बड़े समय के बाद हम रुख में आ रहे हैं
कुछ लोग हमारे लिए रास्ते सुझा रहे हैं

कहां सोया है जमीर ए चौकीदार हमारा
कैसे-कैसे लोग हमें नौकरी पर लगा रहे हैं

कवि दीपक सरल

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