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22 Mar 2025 · 1 min read

ज़िंदगी और मौत के बीच का फ़ासला,रफ़्ता रफ़्ता घट रहा।

ज़िंदगी और मौत के बीच का फ़ासला,रफ़्ता रफ़्ता घट रहा।
धड़कने कम हो रही और मौत का शिकंजा कस रहा।।
मधु गुप्ता “अपराजिता”

1 Like · 2 Comments · 36 Views
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