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21 Mar 2025 · 1 min read

भावना का कोई मोल नहीं

बिन सोचे समझे बोल नहीं
भावना का कोई मोल नहीं

यह संसार बड़ा निराला है
जुबान पर लगाता ताला है
दिखायें तो कैसे दिखायें हम
पांव में नहीं दिल में छाला है

दर्द को तराजू से तोल नहीं
भावना का कोई मोल नहीं

जीवन में दुख का अम्बार है
जैसे समुद्र का पानी खार है
कर मजबूत अपने मन को
खिजां को समझें बहार है

अपनों से टाल-मटोल नहीं
भावना का कोई मोल नहीं ।

मन की पीड़ा मन में रह जाये
कब आंसू बनकर बह जाये
जमाने तक दिल छलनी करे
बेवफा ऐसी बात कह जाये

क्या ये जीवन अनमोल नहीं
भावना का कोई मोल नहीं।

नूर फातिमा खातून “नूरी”
जिला -कुशीनगर

Language: Hindi
38 Views
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