#21_मार्च ….

#21_मार्च ….
#विश्व_कविता_दिवस_की_हार्दिक_शुभकामनायें …💐🥰
विश्व कविता दिवस 21 मार्च को मनाया जाता है, और इसे यूनेस्को (संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन) द्वारा 1999 में घोषित किया गया था, “काव्यात्मक अभिव्यक्ति के माध्यम से भाषाई विविधता का समर्थन करने और लुप्तप्राय भाषाओं को सुनने के अवसर बढ़ाने के उद्देश्य से”।
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#ग़ज़ल
हवा में चांद, सितारों से , मिल के आया है ,
न जाने क्या है ये रिश्ता , मज़ा मज़ा सा है । 1/
पुकार कर के ये कहती है , तुम चले आओ ,
तुम्हारे बिन तो न जाने , मुझे हुआ क्या है ।2/
जो भा गई थी वो सूरत , न जाने किसकी थी ,
किया जो हमने पता , इश्क़ वो हमारा है ।3/
खिंचे खिंचे से ,चले आ रहे हैं यार उधर ,
समझ सके न कभी हम , ये कौन गाता है ।4/
अजब नशा है मुहब्बत ,किसी किसी को मिले ,
जो चाहता है ये दिल , उसको पा ही लेता है ।5/
कभी कभी है खुशी , गम भी बारहा ज़्यादा,
मुहब्बतों के फ़साने में ,और क्या क्या है ।6/
बहार आने से पहले , ख़िज़ाँ दिखाई दे ,
मैं पूछती हूं , कहाँ तुम , कहाँ पे साया है ।7/
नमाज़ें “नील” की , या रब ! कुबूल कर लेना ,
झुका हुआ है ये सर , फिर भी आज़माता है ।8/
✍️नील रूहानी ,,, 21/03/2025,,,
( नीलोफर खान)