चूहे मामा गए बाजार
चूहे मामा गए बाजार,
खरीदा वहाँ से आम अचार।
बहुत खुशी से झूम रहे थे,
अचार का डब्बा चूम रहे थे।
चुहिया को दिखाऊँगा,
आज पराँठे बनवाऊँगा।
पराँठे मजे से खाएँगे,
अचार की दावत उडा़एँगे।
बिल्ली मौसी आई सामने,
लगे बेचारे तभी भागने।
दम लगाकर भागे चूहे मामा,
ढीला हो गया तभी पजामा।
एक हाथ से अचार को पकड़ा,
एक हाथ से पजामे को जकड़ा।
देखा पीछे बिल्ली मौसी नजदीक,
चूहे मामा की निकल गई चीख।
हो गए चूहे मामा लाचार,
फेंका नीचे आम अचार।
अचार देखकर बिल्ली रानी,
आ गया मुँह में लपालप पानी।
चूहे मामा की आँखें भर आई,
अचार की दावत बिल्ली ने उडा़ई।
सोनू हंस✍✍✍