Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 Mar 2025 · 1 min read

जगती विधान

///जगती विधान///

पर्ण पल्लवों का झीना रव,
अरु पुष्पों की प्रमुदित मुस्कान।
अहे! पुण्य शालिनी जगती,
हैं तेरे अविकल रुचिर गान।।

सरिताओं का प्रवाह कल कल,
मधु स्रोतों का सरस वितान।
तेरे इन स्वरों का मंथन वेधन,
खोल देता मन अन्तर विहान।।

लोक रंजीत संगीत तुम्हारा,
तेरे ही मधु स्वर अवधान।
पुण्य धरा तुम पुण्य कारिणी,
तेरी झंकृत वीणा अम्लान।।

सुधा सरस संगीत नवल,
परा प्राणमयी शक्ति अजान।
हे सुधाकरी तुम जगतपालनी,
पोष तेरा पवि प्रगट विधान।।

शत शत नमन तुम्हें जन जन का,
हे मां तुम करुणामयी पराप्राण।
सम्मोहित करते कलरव जग में,
सुधिजन पाते पथ पाथेय प्रमाण।।

स्वरचित मौलिक रचना
प्रो. रवींद्र सोनवाने ‘रजकण’
बालाघाट (मध्य प्रदेश)

Language: Hindi
35 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr. Ravindra Kumar Sonwane "Rajkan"
View all

You may also like these posts

मेरे भी दिवाने है
मेरे भी दिवाने है
Pratibha Pandey
चाहत
चाहत
ललकार भारद्वाज
𑒔𑒰𑒙𑒳𑒏𑒰𑒩𑒱𑒞𑒰,𑒢𑒱𑒖 𑒮𑓂𑒫𑒰𑒩𑓂𑒟,𑒢𑒱𑒖 𑒨𑒬𑒑𑒰𑒢 𑒂 𑒦𑒹𑒠𑒦𑒰𑒫 𑒏 𑒖𑒰𑒪 𑒧𑒹 𑒅𑒗𑒩𑒰𑒨𑒪 𑒧𑒻
𑒔𑒰𑒙𑒳𑒏𑒰𑒩𑒱𑒞𑒰,𑒢𑒱𑒖 𑒮𑓂𑒫𑒰𑒩𑓂𑒟,𑒢𑒱𑒖 𑒨𑒬𑒑𑒰𑒢 𑒂 𑒦𑒹𑒠𑒦𑒰𑒫 𑒏 𑒖𑒰𑒪 𑒧𑒹 𑒅𑒗𑒩𑒰𑒨𑒪 𑒧𑒻
DrLakshman Jha Parimal
अमिर - गरीब
अमिर - गरीब
krupa Kadam
देह माटी की 'नीलम' श्वासें सभी उधार हैं।
देह माटी की 'नीलम' श्वासें सभी उधार हैं।
Neelam Sharma
सिद्धांतों और व्याख्याओं का अजायबघर श्रीमद्भगवद्गीता
सिद्धांतों और व्याख्याओं का अजायबघर श्रीमद्भगवद्गीता
Acharya Shilak Ram
स्नेह - प्यार की होली
स्नेह - प्यार की होली
Raju Gajbhiye
वो गली का मुहाना,वो नुक्कड़ की दुकान
वो गली का मुहाना,वो नुक्कड़ की दुकान
पं अंजू पांडेय अश्रु
"" *अक्षय तृतीया* ""
सुनीलानंद महंत
You are driver of your life,
You are driver of your life,
Ankita Patel
ग़ज़ल - कह न पाया आदतन तो और कुछ - संदीप ठाकुर
ग़ज़ल - कह न पाया आदतन तो और कुछ - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
भगदड़ कैसी है मची, फूटे कई कपाल।
भगदड़ कैसी है मची, फूटे कई कपाल।
Arvind trivedi
सद्विचार
सद्विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
आरज़ू है
आरज़ू है
Dr fauzia Naseem shad
हारे का तू सहारा बाबा- रचनाकार अरविंद भारद्वाज
हारे का तू सहारा बाबा- रचनाकार अरविंद भारद्वाज
अरविंद भारद्वाज ARVIND BHARDWAJ
प्यार गलत नहीं होता
प्यार गलत नहीं होता
पूर्वार्थ देव
3250.*पूर्णिका*
3250.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
स्वार्थों सहूलियतों के बांध
स्वार्थों सहूलियतों के बांध
Nitin Kulkarni
रामजी कर देना उपकार
रामजी कर देना उपकार
Seema gupta,Alwar
#न्यू_टेक्नोलॉजी
#न्यू_टेक्नोलॉजी
*प्रणय प्रभात*
"शून्य"
Dr. Kishan tandon kranti
दर्द देह व्यापार का
दर्द देह व्यापार का
Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या)
आज के समाज का यह दस्तूर है,
आज के समाज का यह दस्तूर है,
Ajit Kumar "Karn"
कोई दुनिया में कहीं भी मेरा, नहीं लगता
कोई दुनिया में कहीं भी मेरा, नहीं लगता
Shweta Soni
धर्म
धर्म
विशाल शुक्ल
*अध्याय 5*
*अध्याय 5*
Ravi Prakash
हमें तो देखो उस अंधेरी रात का भी इंतजार होता है
हमें तो देखो उस अंधेरी रात का भी इंतजार होता है
VINOD CHAUHAN
गुरू
गुरू
Shinde Poonam
A daughter's reply
A daughter's reply
Bidyadhar Mantry
गीत
गीत
प्रीतम श्रावस्तवी
Loading...