हिंदी

शीर्षक- हिंदी
हम हृदय से करते हैं वंदन,
है बारंबार ये अभिनन्दन।
तू जन-गण-मन की अभिलाषा,
मेरी मातृभूमि की है भाषा।।
तू माँ भारती की बिंदी है।
तू सबकी प्यारी हिंदी हैं।।1।।
साहित्य सर्जना शक्ति है,
तू वेदों की अभिव्यक्ति है।
जो तुझको प्रेम करे जग में,
तू स्नेह उसी से रखती है।।
है अलंकार, रस, छंद तू ही,
तू प्रेम, तू ही आनन्दी है।
तू माँ भारती की बिंदी है।
तू सबकी प्यारी हिन्दी है।।2।।
तू कवियों का सम्मान भी है,
हर लेखक का अरमान भी है।
जिसने तुझे ढंग से पहचाना,
तू देती उसे पहचान भी है।।
तेरे भाव सदा उत्कृष्ट रहे,
अंग्रेजी की प्रतिद्वंद्वी है।
तू माँ भारती की बिंदी है।
तू सबकी प्यारी हिन्दी है।।3।।
जिसने सीखी तेरी बोली,
तू संग सदा उसके हो ली।
तूने ही दिया सम्मान उसे,
बन माथे की चंदन रोली।
मन में रखकर श्रद्धा के पुष्प
‘शालिनी’ करे तुकबन्दी है।
तू माँ भारती की बिंदी है।
तू सबकी प्यारी हिन्दी है।।4।।
@स्वरचित व मौलिक
शालिनी राय ‘डिम्पल🖊️