Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
17 Mar 2025 · 1 min read

मन को सम्भाले मन का कोई चेहरा नहीं है, आत्मा का भी कोई चेहरा

मन को सम्भाले मन का कोई चेहरा नहीं है, आत्मा का भी कोई चेहरा नहीं है ।हम सबके भीतर ऊर्जा शक्ति है उसी को छूने इस ऊर्जा शक्ति को अनुभव करना है।
माता पिता, गुरु, अतिथि भवो
इन सभी का मन से आदर करें कभी भी निरादर न करें। ये दस गुना ज्यादा बढ़ कर पुनः वापस लौट कर आयेगी।
भोजन, भजन में कभी शर्माना नहीं चाहिए। भजन करने से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ जाती है।
योग ध्यान साधना से स्मरण शक्ति बढ़ती है और शरीर निरोगी काया रहती है।
किसी भी व्यक्ति से राग द्वेषपूर्ण व्यवहार ना करें अगर किसी से द्वेषपूर्ण बरताव ना हो तो उत्साह प्रसन्नता बनी रहती है।
सबका दिल से सम्मान करे द्वेष ना करो, जो दूसरों का सम्मान नहीं करता उसका खुद का सम्मान घटने लगता है।
जब कोई व्यक्ति हमें गालियां दे या डांट दे तो गुस्सा आता है लेकिन मन को समझाते हुए कमजोर न पढ़ने दें कोई प्रेम करे या न करे खुद पे अपने आपमे दृढ़ निश्चय रहें।
जो जैसा है उसे वैसा ही स्वीकार करें।
हमें रोज सुबह से ही ईश्वर का अनमोल तोहफा मिलता है ज्ञान ,हमारी राय,समझदारी, अनुभव।
गहराई से चिंतन करने से हमें हर सवाल का जवाब मिल जाता है।
*शशि कला व्यास शिल्पी *

Loading...