यहां गूंगा भी बहुत तेज बोलना है

यहां गूंगा भी बहुत तेज बोलना है
जब जेब में उसके पैसा बोलता है
कैसे परखे किसी का सलीका अब
हर कोई जरूरत के जैसा बोलता है
कवि दीपक सरल
यहां गूंगा भी बहुत तेज बोलना है
जब जेब में उसके पैसा बोलता है
कैसे परखे किसी का सलीका अब
हर कोई जरूरत के जैसा बोलता है
कवि दीपक सरल