Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Mar 2025 · 1 min read

ऋतुराज तेरी जात की..

ऋतुराज तेरी जात की..
किस लफ़्ज से शुक्रिया करूँ,
इस रुपहली सौगात की ।
दिन तो दिलवर कट ही जाते,
पूछो न बात तुम रात की ।।
अंग-अंग में भरके तृष्णा,
चल दोगे फिर साल भर ।।।
जानती हैं बेवफाई आँखें,
ऋतुराज तेरी जात की ।।।।

32 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from TAMANNA BILASPURI
View all

You may also like these posts

असली जीत
असली जीत
पूर्वार्थ
मेहरबान
मेहरबान
Shriyansh Gupta
"सुनहरा दौर"
Dr. Kishan tandon kranti
परम्परा को मत छोडो
परम्परा को मत छोडो
Dinesh Kumar Gangwar
कलम
कलम
krupa Kadam
बहुत दिन हो गए
बहुत दिन हो गए
Meera Thakur
विश्वास
विश्वास
ललकार भारद्वाज
ग़ज़ल _ मांगती इंसाफ़ जनता ।
ग़ज़ल _ मांगती इंसाफ़ जनता ।
Neelofar Khan
होरी के हुरियारे
होरी के हुरियारे
Bodhisatva kastooriya
राजनीति की पी रहे, सारे अगर शराब.
राजनीति की पी रहे, सारे अगर शराब.
RAMESH SHARMA
प्यारी सी बेटी
प्यारी सी बेटी
विक्रम सिंह
D
D
*प्रणय प्रभात*
साथ छोड़ दिया....
साथ छोड़ दिया....
Jyoti Roshni
मासुमियत है पर मासुम नहीं ,
मासुमियत है पर मासुम नहीं ,
Radha Bablu mishra
आज फिर
आज फिर
Chitra Bisht
प्रतिभा  झोपड़ी  में कैद रहती
प्रतिभा झोपड़ी में कैद रहती
Acharya Shilak Ram
VOICE OF INTERNAL SOUL
VOICE OF INTERNAL SOUL
SURYA PRAKASH SHARMA
अलविदा
अलविदा
Dr fauzia Naseem shad
🌺🌺इन फाँसलों को अन्जाम दो🌺🌺
🌺🌺इन फाँसलों को अन्जाम दो🌺🌺
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
वर्ण पिरामिड
वर्ण पिरामिड
Rambali Mishra
मेरी फितरत तो देख
मेरी फितरत तो देख
VINOD CHAUHAN
संवेदना
संवेदना
संजीवनी गुप्ता
वो भी लोग क्या खूब होते है जो रहते है देश की सरहदों पर।
वो भी लोग क्या खूब होते है जो रहते है देश की सरहदों पर।
Rj Anand Prajapati
There is no rain
There is no rain
Otteri Selvakumar
डेढ़ दीन्हा प्यार
डेढ़ दीन्हा प्यार
जय लगन कुमार हैप्पी
3863.💐 *पूर्णिका* 💐
3863.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
निरंकारी महिला गीत (2)
निरंकारी महिला गीत (2)
Mangu singh
" ठिठक गए पल "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
ख़्वाब उसके सजाता रहा.., रात भर,
ख़्वाब उसके सजाता रहा.., रात भर,
पंकज परिंदा
Dear Moon.......
Dear Moon.......
R. H. SRIDEVI
Loading...