प्रेम
कलिया ओस का श्रृंगार करे !
धरा जब गगन से बात करे !!
गुनगुना देना तुम प्रेम के गीत !
शायद वो तुमको याद करे !!
• विशाल शुक्ल
कलिया ओस का श्रृंगार करे !
धरा जब गगन से बात करे !!
गुनगुना देना तुम प्रेम के गीत !
शायद वो तुमको याद करे !!
• विशाल शुक्ल