हम बच्चों को जितने का आत्मविश्वास दे रहे है क्योंकि हम उनको

हम बच्चों को जितने का आत्मविश्वास दे रहे है क्योंकि हम उनको जीतते देखना चाहते है पर उनको हार का सामना करने की मानसिकता और उसको एक्सेप्ट करने की समझ नहीं रहे है।
सोचे मां बाप भी एक असफलता, असहजता, अपमान के परिवेश से निकल कर सफलता के सफर में आए है। फिर क्यों वो बच्चों को कहते है जो हमने देखा वो उनको नहीं देखने देना
आप उनको वो देखने दे ताकि उनको भी कठिनाई, असहजता, अपमान ओर असफलता क्या होता है, एक व्यावहारिकता बनेगी पे वही व्यवहारिकता उनको सबल और मजबूत बनाएगा व्यक्तित्व में उनके।
सफलता के आनंद के पहले असफलता को पीड़ा को सहना सिखाए ताकि वो सकारात्मक ओर नकारात्मक दोनो व्यवहार म जीना, रहना और उसको संभालना सीखे