पास आकर वो दूर जाता है।

पास आकर वो दूर जाता है।
दिल दुखाना उसे भी आता है ।।
वो बिछड़ने की बात करता है।
जो जुदा होके रह न पाता है ।।
याद रखता है इस क़दर हमको ।
याद करना ही भूल जाता है ।।
पूछ ले हमसे वो कभी ये भी।
क्या हमें इंतिज़ार भाता है ।।
रूठना उसका शाद क्या कहिए ।
मैं मनाऊं, वो मान जाता है।।
डाॅ फ़ौज़िया नसीम शाद