जो छपी तस्वीर तेरी आज के अखबार में
हर तरफ चर्चा तिरा है गांव के बाजार में
जो छपी तस्वीर तेरी आज के अखबार में
हार से खुद को यूं दुःखी ना किया कर दोस्त तूं
कामयाबी तो छुपी रहती छोटे-छोटे हार में
अपने खातिर जीना तो सबको ही आता दोस्तों
जिंदगी के दिन बिताओ यारो कुछ उपकार में
तू जहां भी जाए सब तेरे दिवाने होंगे ही
चांद सा मुखड़ा है खुद्दारी भी झलके तेरे किरदार में
रास्ता पथरीला,ऊंचा -नीचा चाहें जैसा हो
कोई भी तो फर्क ना पड़ता नदी की धार में
नूर फातिमा खातून “नूरी”
जिला -कुशीनगर