Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
16 May 2016 · 1 min read

तोल-मोल

तोल-मोल के बोल ये दुनिया गोल-मोल
हंसी उड़ाये पल में देगी पोल खोल
शब्दों पर अंकुश हो संशय हो न कोई
वाणी वचनामृत में सुधारस घोल-घोल

Loading...