Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Feb 2025 · 1 min read

तारुण्य वसंत

स्वर्ग से सुंदर भूमि भारत
ऋतुराज वसंत का श्रृंगार
सुंदर मोहक छवि निराली

वन उपवन निर्झर मतवाली
मास फरवरी मार्च है प्यारी
मिलन एकता भावों का रंग

उमंग उल्लास माधुर्य राग
वसंत यौवन की निखारती
कोयल की कू भौरें की गुंज

रंग हरियाली छटा बिखेरती
आम्रवृक्ष मंजर मुकुट मधु
पीली सरसों फूल निराली

कलकण्ठी कोकिल मस्ती
उन्मत्त मादक गीत सुनाती
रंग विरंगें मधुवन में तितली

खुशबू की संदेश पहुंचाती
भरी पिचकारी रंग गुलालों
झूमे नर नारायण अवतारी

ऋतुराज वसंत की सरताज
कामुक कामदेव सुत वसंत
वसुधा पे अवतार श्रृंगारिणी

सौंदर्य प्रकृति की सुहागिनी
लहलाते पौधे फूलों की घाटी
पकी फसल खेत और क्यारी

झूमें नाचे जौ गेहूँ की बाली
हर्षित निर्मल कृषक वादी
ज्ञानदा माता सरस्वती देवी

वसंत पंचमी की अवतारिण
सृष्टिकर्ताब्रह्मा के ब्रह्म दिवस
कण कण भू छवि प्रसारिणी

तारुण्यमय सज धज मदमस्त
प्रकृति की अनंग सुत वसंत
देशभक्त नवयुवक भगत सिंह

प्रेरणा लिए ऋतुराज वसंत की
समर कूच को गा उठे आजादी
के परवाणों ने : ? ? ? ? ? –

“मेरा रंग दे वसन्ती चोला
माए ! रंग दे वसंती चोला

जिस पर रंग चढ़े ना दूजा हो
माए ! रंग चढ़े ना दूजा माए

कलतक जो चिंगारी थी ..
वो आज बनी है शोला माए
मेरा रंग दे वसंती चोला ” ॥

——–000——-

Language: Hindi
68 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
View all

You may also like these posts

" अधरों पर मधु बोल "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
कोई त्योहार कहता है कोई हुड़दंग समझता है
कोई त्योहार कहता है कोई हुड़दंग समझता है
Kanchan Gupta
मानसून को हम तरसें
मानसून को हम तरसें
प्रदीप कुमार गुप्ता
" दिल की समझ "
Yogendra Chaturwedi
जितनी बार भी तुम मिली थी ज़िंदगी,
जितनी बार भी तुम मिली थी ज़िंदगी,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
लगता है🤔 दुख मेरे मन का
लगता है🤔 दुख मेरे मन का
Karuna Goswami
दीवानगी
दीवानगी
Shyam Sundar Subramanian
दो वक्त की रोटी नसीब हो जाए
दो वक्त की रोटी नसीब हो जाए
VINOD CHAUHAN
हो सके तो फिर मेरे दिल में जगह बनाकर देख ले
हो सके तो फिर मेरे दिल में जगह बनाकर देख ले
Jyoti Roshni
क़म्बख्त ये बेपरवाही कहीं उलझा ना दे मुझको,
क़म्बख्त ये बेपरवाही कहीं उलझा ना दे मुझको,
Ravi Betulwala
मेहनत के दिन ।
मेहनत के दिन ।
Kuldeep mishra (KD)
_ऐ मौत_
_ऐ मौत_
Ashwani Kumar Jaiswal
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
*गोरा (मैथिली प्रेम संवाद)*
*गोरा (मैथिली प्रेम संवाद)*
मनोज कर्ण
व्याकरण कविता
व्याकरण कविता
Neelam Sharma
नाजुक -सी लड़की
नाजुक -सी लड़की
Sarla Sarla Singh "Snigdha "
कलम की ताक़त
कलम की ताक़त
Dr. Rajeev Jain
बाजार  में हिला नहीं
बाजार में हिला नहीं
AJAY AMITABH SUMAN
"मेरी बेटी है नंदिनी"
Ekta chitrangini
बहराइच की घटना पर मिली प्रतिक्रियाओं से लग रहा है कि लोहिया
बहराइच की घटना पर मिली प्रतिक्रियाओं से लग रहा है कि लोहिया
गुमनाम 'बाबा'
भले डगमगाओ /मगर पग बढ़ाओ
भले डगमगाओ /मगर पग बढ़ाओ
Dr Archana Gupta
"स्केल पट्टी"
Dr. Kishan tandon kranti
अतीत के पन्ने (कविता)
अतीत के पन्ने (कविता)
Monika Yadav (Rachina)
भावना मर्म की, होती नहीं विशुद्ध
भावना मर्म की, होती नहीं विशुद्ध
RAMESH SHARMA
पराग
पराग
विशाल शुक्ल
.....चिंतित मांए....
.....चिंतित मांए....
rubichetanshukla 781
संवेदनहीन प्राणियों के लिए अपनी सफाई में कुछ कहने को होता है
संवेदनहीन प्राणियों के लिए अपनी सफाई में कुछ कहने को होता है
Shweta Soni
*रोज बदलते अफसर-नेता, पद-पदवी-सरकार (गीत)*
*रोज बदलते अफसर-नेता, पद-पदवी-सरकार (गीत)*
Ravi Prakash
"पीओके भी हमारा है"
राकेश चौरसिया
शैतान का मजहब
शैतान का मजहब
राकेश पाठक कठारा
Loading...