गंगा – यमुना को स्वच्छ और निर्मल करने की ,

गंगा – यमुना को स्वच्छ और निर्मल करने की ,
कसमें भी खाई जाती है वायदे भी किए जाते हैं।
मगर देश का राजतंत्र देखो ! कुछ रह जाते है भाषणों में,
और कुछ रह जाते है दफ्तर की फाइलों में दबकर ।
गंगा – यमुना को स्वच्छ और निर्मल करने की ,
कसमें भी खाई जाती है वायदे भी किए जाते हैं।
मगर देश का राजतंत्र देखो ! कुछ रह जाते है भाषणों में,
और कुछ रह जाते है दफ्तर की फाइलों में दबकर ।