Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
21 Feb 2025 · 3 min read

*हास्य-व्यंग्य*

हास्य-व्यंग्य-
#FB_की_दुनिया
◆वॉल किसी की, माल किसी का◆
(एफबी माने फॉरेस्ट बुक)
【प्रणय प्रभात】
इंसानी दुनिया की तरह जंगल में भी सोशल मीडिया की धूम है। आज भालू ने अपनी वाल पर दर्ज़न भर फोटो पेले। साथ ही लिखा- “आज परमभीरु अनुज गीदड़ के बेटे के फलदान के बाद महाधूर्त आदरणीय लोमड़ी बहिन की बिटिया की सालगिरह में शामिल हुआ। अभी फर्राटा किंग और बड़े भाई चीते की एनीवर्सरी में हूँ। कुछ देर बाद अपनी बिरादरी के भंडारे में जाऊंगा। पूरी तरह निजी इस पोस्ट को उसने जंगल के तमाम सारे शाकाहारी जानवरों को भी चेप दिया। जिनका इनमें से किसी आयोजन या आयोजक से कहीं कोई लेना-देना नहीं था। अब हिरण, बन्दर, खरगोश, नीलगाय, गिलहरी आदि की इतनी हिम्मत कहाँ कि आपत्ति जता कर भालू से पंगा लें। इसी तरह एक पोस्ट मदमस्त हथिनी ने ढाई दर्ज़न तस्वीरों के साथ शेर, चीता, भेड़िया, लकड़बग्घा जैसे तमाम जानवरों को टेग कर दी। जिसमें लिखा था- “आज पास के गाँव में अपने शोणा बाबू के साथ गन्ने के खेत की सैर की। जम कर गन्ने खाए। ख़ूब फसल उजाड़ने का खेल खेला। इसके बाद तीन झोंपड़े तबाह कर बड़े तालाब में स्नान किया। सूँड के पावरफुल शावर में नहाने और नहलाने का लुत्फ़ ही कुछ और है। अब मार्गदर्शक बड़े भाई लंगूर के पोते की सगाई में जाना है। माँसाहारी अपनी वाल पर इस पोस्ट से खिन्न हैं। पर किससे कहें और क्या? यही खटकर्म वो ख़ुद भी तो बेनागा कर कर रहे हैं। वो भी पूरी दमखम के साथ शान से। चापलूसी में माहिर ऊदबिलाव ने रोज़ की तरह डेढ़ दर्जन जंतुओं के फोटो का कोलाज़ बनाया। बड़े-बड़े विशेषणों के साथ सभी को हैप्पी वाले बड्डे की मुबारकबाद लिखी। साथ ही इस पोस्ट को तमाम सारे परिंदों को चस्पा कर दिया। लाइक्स और कमेंट्स की बाढ़ सी आई हुई है। मछली, कछुए और घड़ियाल भी उन जानवरों को बधाई की इमोजी और स्टीकर्स के जरिए बधाई दे रहे हैं, जिन्हें उन्होंने कभी देखा तक नहीं है। अजगर ने अस्पताल के बेड से अपनी सेल्फ़ी पोस्ट करते हुए लिखा है- “दोस्तों! दुआ करना मेरे लिए भी। पूरा चीतल निगलने से अजीर्ण हो गया है। साँस लेना दूभर हो रहा है।” पोस्ट चार दर्ज़न से ज़्यादा घास-फूस और कंद-मूल खाने वाले पशुओं की वाल पर नज़र आ रही है। पक्षियों और कीट-पतंगों द्वारा अजगर की सेहत में सुधार की प्रार्थना का दौर ज़ोर-शोर से जारी है। जँगली सुअर ने अपनी जीवन संगिनी के साथ हनीमून ट्रिप की “ए ग्रेड” वीडियो पोस्ट की है। जिसे एक सैकड़ा से ज़्यादा जीव शेयर कर मुफ़्त में आनंद बाँट रहे हैं। सैकड़ों लाइक्स और कमेंट्स का सैलाब सा आया हुआ है।
इस तरह की घनघोर स्पर्द्धा (बावलाई) का नशा फ़िलहाल सब पर हावी है। कोई पूछे तो रेडीमेड जवाब तैयार है। कह देते हैं कि- “जब इंसान जानवर हुआ जा रहा है, तो हमारे इंसान होने में क्या हर्ज है?” बेचारा पूछने वाला भी फौरन समझ जाता है कि इतनी समझ सबके पास होती तो जंगल को जंगल कौन कहता? सारा वन उपवन न हो जाता। बहरहाल, नक़ल का खेल बिना अक़ल धड़ल्ले से जारी है। जल्दी ही तमाम तरह के छोटे-बड़े चुनाव जो सिर पर हैं।।
#घोषणा-
इस व्यंग्य कथा के सभी पात्र पूरी तरह काल्पनिक हैं। उनका किसी जीवित, मृत या मृतप्राय जीवधारी से दूर-दूर तक कोई वास्ता नहीं है। क्योंकि लिखने वाले बन्दे के पास भागने का कोई रास्ता नहीं है। सभी जीवात्माओं को प्रणाम।।
😝😝😝😝😝😝😝😝😝

1 Like · 31 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

हम अपनी आवारगी से डरते हैं
हम अपनी आवारगी से डरते हैं
Surinder blackpen
मौलिक विचार
मौलिक विचार
डॉ.एल. सी. जैदिया 'जैदि'
मोर पंख सी नाचे धरती, आह सुहानी
मोर पंख सी नाचे धरती, आह सुहानी
Suryakant Dwivedi
अगर कभी....
अगर कभी....
Chitra Bisht
मसअला दर्द के साथ ये है कि वो
मसअला दर्द के साथ ये है कि वो
Johnny Ahmed 'क़ैस'
*माला फूलों की मधुर, फूलों का श्रंगार (कुंडलिया)*
*माला फूलों की मधुर, फूलों का श्रंगार (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
हिंदी दिवस
हिंदी दिवस
प्रदीप कुमार गुप्ता
दुनिया में फकीरों को
दुनिया में फकीरों को
Manoj Shrivastava
बर्षो बीते पर भी मन से,
बर्षो बीते पर भी मन से,
TAMANNA BILASPURI
Shankarlal Dwivedi passionately recites his poetry, with distinguished literary icons like Som Thakur and others gracing the stage in support
Shankarlal Dwivedi passionately recites his poetry, with distinguished literary icons like Som Thakur and others gracing the stage in support
Shankar lal Dwivedi (1941-81)
एक बात बोलू
एक बात बोलू
पूर्वार्थ देव
आज कल परिवार में  छोटी छोटी बातों को अपने भ्रतिक बुद्धि और अ
आज कल परिवार में छोटी छोटी बातों को अपने भ्रतिक बुद्धि और अ
पूर्वार्थ
अच्छा होना भी
अच्छा होना भी
Dr fauzia Naseem shad
दोहा त्रयी. . .
दोहा त्रयी. . .
sushil sarna
Poetry Writing Challenge-2 Result
Poetry Writing Challenge-2 Result
Sahityapedia
ਉਸਦੀ ਮਿਹਨਤ
ਉਸਦੀ ਮਿਹਨਤ
विनोद सिल्ला
लोगों के
लोगों के
हिमांशु Kulshrestha
हमारी लंबी उम्र जितिया करने वाली से होती है, करवा चौथ करने व
हमारी लंबी उम्र जितिया करने वाली से होती है, करवा चौथ करने व
Sandeep Kumar
ना किसी से दुआ सलाम ना किसी से बंदगी ।
ना किसी से दुआ सलाम ना किसी से बंदगी ।
SATPAL CHAUHAN
*क्या देखते हो*
*क्या देखते हो*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
होली
होली
Dr Archana Gupta
वीर मेला
वीर मेला
Dr. Kishan tandon kranti
पंचचामर छंद एवं चामर छंद (विधान सउदाहरण )
पंचचामर छंद एवं चामर छंद (विधान सउदाहरण )
Subhash Singhai
मर्यादा है उत्तम
मर्यादा है उत्तम
Prithvi Singh Beniwal Bishnoi
मातृदिवस
मातृदिवस
Satish Srijan
कागज़ की नाव सी, न हो जिन्दगी तेरी
कागज़ की नाव सी, न हो जिन्दगी तेरी
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
अपना जख्म
अपना जख्म
Dr.sima
गीत- जब-जब पाप बढ़े दुनिया में...
गीत- जब-जब पाप बढ़े दुनिया में...
आर.एस. 'प्रीतम'
*आत्म विश्वास की ज्योति*
*आत्म विश्वास की ज्योति*
Er.Navaneet R Shandily
3451🌷 *पूर्णिका* 🌷
3451🌷 *पूर्णिका* 🌷
Dr.Khedu Bharti
Loading...