मत दिल लगा इन हसीनाओं से

मत दिल लगाना इन हसीनाओं से, बर्बाद इनसे तू हो जायेगा।
बदनामी के सिवा कुछ नहीं मिलेगा, बदनाम जीवन हो जायेगा।।
मत दिल लगा इन हसीनाओं———————–।।
करनी है अगर यहाँ मोहब्बत, तू प्यार कर उन महरूमों से।
जिनकी कोई बस्ती यहाँ नहीं, जो है दुःखी यहाँ जुल्मों से।।
तुमको मिलेगी उनसे सच्ची मोहब्बत, गुमनामी से बच जायेगा।।
मत दिल लगा इन हसीनाओं——————।।
*(शेर)- मैं खुद बर्बाद हूँ लगाकर दिल किसी से, इज्जत जिसने कुछ ना दी।
लगा दिया उसने इल्जाम मुझ पर ही, कि बर्बादी उसकी मैंने कर दी।।*
अपनी खुशी तू उनको बांट, लूटी है जिनकी खुशियां यहाँ शातिरों ने।
आबाद करो तुम उनके सपनें, बर्बाद किया जिनको यहाँ काफिरों ने।।
करेंगे इबादत ये लोग तुम्हारी, तेरा नाम मकबूल हो जायेगा।।
मत दिल लगा इन हसीनाओं——————-।।
*(शेर)- ये तुमसे नहीं, तेरी दौलत से मोहब्बत करती है, आरामपसंद है ये तितलियां।
चूसकर तेरे मकरंद को ये उड़ जायेगी दूर तुमसे, सुखाकर तेरी यह काया।।*
सबसे बड़ा धर्म तेरा यही है, मत भूल मोहब्बत में अपने वतन को।
कुर्बान गर तुम्हें होना है तो, तू जान अपनी देना अपने वतन को।।
याद करेंगे तुमको यहाँ सभी, अमर तेरा किस्सा बन जायेगा।
मत दिल लगा इन हसीनाओं——————।।
*(शेर)- मत भूल तू मकसद-ए- जिंदगी, कुछ नेक कर रोशन तेरा नाम होगा।
मत जिंदगी बर्बाद कर हुर्रों पर, जीना सीख वतन के लिए, अमर तू होगा।।*
शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)