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19 Feb 2025 · 1 min read

याद का गहरा अँधेरा, वो समां भी ले गया ,

याद का गहरा अँधेरा, वो समां भी ले गया ,
साथ अपने मुस्कुराता , कारवां भी ले गया ,
कब तलक बैठे रहें हम इंतेज़ार ए आशना ,
नील को जो था मयस्सर आसमां भी ले गया।
✍️नील रूहानी

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