याद का गहरा अँधेरा, वो समां भी ले गया ,

याद का गहरा अँधेरा, वो समां भी ले गया ,
साथ अपने मुस्कुराता , कारवां भी ले गया ,
कब तलक बैठे रहें हम इंतेज़ार ए आशना ,
नील को जो था मयस्सर आसमां भी ले गया।
✍️नील रूहानी
याद का गहरा अँधेरा, वो समां भी ले गया ,
साथ अपने मुस्कुराता , कारवां भी ले गया ,
कब तलक बैठे रहें हम इंतेज़ार ए आशना ,
नील को जो था मयस्सर आसमां भी ले गया।
✍️नील रूहानी