Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
17 Feb 2025 · 1 min read

सत्य की राह

सत्य की राह

मैं खोज रहा था सत्य को,
सूखे पत्तों की सरसराहट में,
गंगा की लहरों के सुरों में,
घाटों की आरतियों की ध्वनि में।

कभी पर्वतों की चोटी पर,
तो कभी वन की नीरवता में,
जहाँ ऋषियों के मंत्र गूँजते थे,
जहाँ शून्य भी उत्तर देता था।

पर सत्य तो चंचल हिरण सा,
हर बार मुझसे दूर भागा,
मैंने वेदों में उसे खोजा,
मैंने उपनिषदों से पूछा—
“क्या यही अंतिम प्रकाश है?”

हवा के झोंकों ने उत्तर दिया—
“सत्य कोई शब्द नहीं,
वह अनुभव है, साक्षात्कार है।”

मैं लौटा अपने ही भीतर,
जहाँ न कोई प्रश्न था, न संदेह,
बस मौन था—
और उसी मौन में,
मुझे सत्य मिल गया।

— lokesh kumar

48 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

नये सफर में गये हो जब से  बड़ी शराफत दिखा रहे हो।
नये सफर में गये हो जब से बड़ी शराफत दिखा रहे हो।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
"पसंद और प्रेम"
पूर्वार्थ
संयुक्त कुटुंब पद्धती-दुख का दरिया (वाद विवाद प्रतियोगिता)
संयुक्त कुटुंब पद्धती-दुख का दरिया (वाद विवाद प्रतियोगिता)
Kanchan Alok Malu
विश्व  हिन्दी दिवस पर कुछ दोहे :
विश्व हिन्दी दिवस पर कुछ दोहे :
sushil sarna
स्वागत है
स्वागत है
आशा शैली
करो नारी खुद पर विश्वास
करो नारी खुद पर विश्वास
लक्ष्मी सिंह
तेरी खुशियों में शरीक
तेरी खुशियों में शरीक
Chitra Bisht
नव-निवेदन
नव-निवेदन
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
किसी को गिराया न ख़ुद को उछाला,
किसी को गिराया न ख़ुद को उछाला,
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
याद रक्खा है आज भी तुमको
याद रक्खा है आज भी तुमको
Dr fauzia Naseem shad
किरदार निभाना है
किरदार निभाना है
Surinder blackpen
बग़ावत की लहर कैसे.?
बग़ावत की लहर कैसे.?
पंकज परिंदा
चैत मास चैतन्य है, गर्मी रहा बढ़ाय।
चैत मास चैतन्य है, गर्मी रहा बढ़ाय।
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
श्रद्धा के दो फूल
श्रद्धा के दो फूल
आकाश महेशपुरी
हर मर्द ये चाहता है
हर मर्द ये चाहता है
Urmil Suman(श्री)
उसकी होठों की मुस्कान,
उसकी होठों की मुस्कान,
Vivek Kumar Yadav
तुम्हें झापट लगाऊँगी
तुम्हें झापट लगाऊँगी
gurudeenverma198
आओ लौट चले
आओ लौट चले
Dr. Mahesh Kumawat
ज़िंदगी के किताब में सबसे हसीन पन्ना
ज़िंदगी के किताब में सबसे हसीन पन्ना
Ranjeet kumar patre
4758.*पूर्णिका*
4758.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
🙅आज पता चला🙅
🙅आज पता चला🙅
*प्रणय प्रभात*
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
वो अगर शेर कह रही होगी
वो अगर शेर कह रही होगी
अरशद रसूल बदायूंनी
किसी और से इश्क़ दुबारा नहीं होगा
किसी और से इश्क़ दुबारा नहीं होगा
Madhuyanka Raj
जो आज शुरुआत में तुम्हारा साथ नहीं दे रहे हैं वो कल तुम्हारा
जो आज शुरुआत में तुम्हारा साथ नहीं दे रहे हैं वो कल तुम्हारा
Dr. Man Mohan Krishna
"वे खेलते हैं आग से"
Dr. Kishan tandon kranti
आज यानी 06 दिसंबर अर्थात 05 शताब्दीयो से भी ज्यादा लम्बे काल
आज यानी 06 दिसंबर अर्थात 05 शताब्दीयो से भी ज्यादा लम्बे काल
ललकार भारद्वाज
मज़ाक का सहारा लेकर,
मज़ाक का सहारा लेकर,
Iamalpu9492
"चांद तन्हा ही रहा"
डा0 निधि श्रीवास्तव "सरोद"
क्रोध
क्रोध
Mangilal 713
Loading...