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16 Feb 2025 · 1 min read

सामाजिक परिवेश में, रखिए खुद को ढाल।

सामाजिक परिवेश में, रखिए खुद को ढाल।
बोली, भाषा, दृष्टि सँग, हो मर्यादित चाल।।

✍️अरविन्द त्रिवेदी

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