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16 Feb 2025 · 1 min read

*विनती है यही हमारी प्रभु, अपनों को अपना कर देना (राधेश्यामी

विनती है यही हमारी प्रभु, अपनों को अपना कर देना (राधेश्यामी छंद)
_________________________
विनती है यही हमारी प्रभु, अपनों को अपना कर देना
मन में कटुता का अंश न हो, यह पूरा सपना कर देना
प्रभु प्रेम जगाना मन में यों, सब मैल स्वयं ही जल जाए
जीवन में कभी न रूठें फिर, ऐसा अति सुंदर फल आए

रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा ,रामपुर ,उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615451

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