*यह भारत का अध्यात्म सुखद, नदियों के तट पर बड़ा हुआ (राधेश्य
यह भारत का अध्यात्म सुखद, नदियों के तट पर बड़ा हुआ (राधेश्यामी छंद)
_________________________
यह भारत का अध्यात्म सुखद, नदियों के तट पर बड़ा हुआ।
जल की धारा से अभिसिंचित, पावनता पाकर खड़ा हुआ।। (1)
नदियों के तट पर मेले ही, इसको विशिष्ट बतलाते हैं।
लाखों क्या यहॉं करोड़ों जन, भारत मॉं की जय गाते हैं।। (2)
————————
रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा (निकट मिस्टन गंज), रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615451