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14 Feb 2025 · 1 min read

मैं गुल गुलशन बहार ले आया हूँ

मैं गुल गुलशन बहार ले आया हूँ
तुम्हारे लिए प्रेम का उपहार ले आया हूँ
बहुत मुद्दत से चाहत थी इज़हार-ए-मोहब्बत की
लो अपनी मोहब्बत को खुले बाजार ले आया हूँ

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