सुनो रे तुम भाई, ऐसा कहे रविदास

(शेर)- मानव जाति में भाईचारे का, देते सन्देश रविदास।
मानव मन के अंधियारे को, करते दूर रविदास।।
परोपकार और प्रेम की, देते हैं सीख रविदास।
एकेश्वरवाद का ज्ञान मानव को, देते हैं रविदास।।
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सुनो रे सुनो तुम भाई, ऐसा कहे रविदास।
जाति-धर्म के अभिमान का, तुम करो नाश।।
सुनो रे सुनो तुम भाई———————।।
सारे जगत को रचनेवाला, वह ईश्वर एक है।
जाति-धर्म और देशों में, उसके नाम अनेक है।।
इस धरती पर एक ही सूरज, करता है उजास।
सुनो रे सुनो तुम भाई———————।।
दीन-दुःखियों की सेवा से, सच्चा सुख मिलेगा।
परोपकार में ही सच में, तुमको ईश्वर दिखेगा।।
तेरे कर्म और मन में ही है, सच ईश्वर का वास।
सुनो रे सुनो तुम भाई———————।।
शुद्ध बनो तुम, अपने मन, वाणी और कर्म से।
करो नहीं भेदभाव- नफरत, जाति और धर्म से।।
मन अगर होगा चंगा तो, होगा पापों का विनाश।
सुनो रे सुनो तुम भाई———————।।
शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)