मातृ पितृ पूजन दिवस

मातृ-पितृ पूजन दिवस
हे माता – पिता,
हे मेरे विधाता।
सब दुख हरता,
खुशियों से भरता।
तेरे कृपा से हमें,
मिले छत्र – छाया।
अपने परिवार में
बने रहे माया।
पोषण – संरक्षण करता,
हमें ज्ञान से भरता।
संबंधों को जीता,
कर्तव्यों को निभाता।
चलना सिखाया,
बोलना सिखाया।
पढ़ना सिखाया,
जीना कैसे है?
हमको समझाया।
तेरे आशीष से आज,
काबिल बन पाया।
पिता है पूजनीय,
माता है पूजनीय।
हर युग में आराध्य,
हर युग में पूजनीय।
घर-घर बिराजे,
हर घर को साधे।
रचनाकार
संतोष कुमार मिरी
कविराज
रायपुर छत्तीसगढ़