तुझे हम खुदा की कसम देखते हैं
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यूं कहने से पहले भरम देखते हैं
तुझे हम खुदा की कसम देखते हैं।
ये बच्चे यूं मनमानियां कर रहे हैं
भला अब कहां वो रसम देखते हैं।
नजर भर नहीं देखते अपनों को वो
यूं गैरों पे बहुत करम देखते हैं ।
बड़ा शान-शौकत है उनका नगर में
उदास तो उन्हें हम देखते हैं।
जो करता सदा दूसरे की बुराई
परेशान उसे हर कदम देखते हैं।
नूर फातिमा खातून” नूरी”
जिला -कुशीनगर
उत्तर प्रदेश
मौलिक स्वरचित