हमको न छेड़िए... न कोई बात पूछिए
हमको न छेड़िए… न कोई बात पूछिए
न दिन की रोशनी, न काली रात पूछिए
क्या ही बयां करेंगी मुफलिसी ये महफिलें
हकीकत को जानना है तो हालात पूछिए
… हरवंश हृदय
हमको न छेड़िए… न कोई बात पूछिए
न दिन की रोशनी, न काली रात पूछिए
क्या ही बयां करेंगी मुफलिसी ये महफिलें
हकीकत को जानना है तो हालात पूछिए
… हरवंश हृदय