पंख हौंसलों के लगा,ले अंबर-अरमान। पंख हौंसलों के लगा,ले अंबर-अरमान। तोड़ रूढ़ियाँ आ गई,बेटी भरे उड़ान। डॉक्टर रागिनी स्वर्णकार शर्मा,इंदौर