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9 Feb 2025 · 1 min read

समंदर

बाहर से तो ठीकठाक है बिखरे तो हम अंदर हैं,
हँसती आँखों के पीछे आँसू का एक समंदर है,
जिस दहलीज़ पर खड़े हैं कैसे करें बयां इसको
लफज़ो में ही हरियाली है दिल तो जैसे बंजर है”

Language: Hindi
31 Views
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