Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 Feb 2025 · 2 min read

एक गलती जिसका आरंभ धर्म से जुडा है

इस विचार पर एक सज्जन ने पूछा है !
एक पुरूष सज्जन ने पूछा है !
दुनिया में कौन सा देश धार्मिक नहीं है ?
…….
जवाब १ –
वह भारत का वासी मगर हिंदू है,
उसकी पहचान भारतीय न होकर हिंदू है,
इसलिए भारत एक वह अकेला देश है,
जो धार्मिक है – जो धर्म के कारण पीड़ा झेल रहा है,,
…..
मलेशिया में हिंदू लोग भी रहते है,
देश मुस्लिम है,
इसलिए वह धार्मिक नहीं है,
……
२ –
आपके सवाल में ही जवाब है – उस देश का नाम बताओ जहां पर सत्ता धर्म पर आधारित हो !
……
अगर आपकी राष्ट्रीयता भारतीय है !
तो आपका धार्मिक महत्व को गौण हो जाता है,
पाकिस्तान /अफगानिस्तान /ईरान /ईराक / साऊदी अरब / इजरायल धर्म में चरमपंथी देश हैं,
…….
जापान, श्रीलंका, थाइलैंड अमेरिका, चीन इंग्लैंड, फ्रांस
भारत, नेपाल जैसे धार्मिक देश नहीं है – जिसने मानव को अछूत और स्त्रियों को शूद्र वर्ग में रखकर – उन्हें धन-संपदा के अधिकारों से वंचित किया हो !
……
जो पग पग पाखंड, अंधविश्वास, कुरीतियों, परंपरागत यानि रेशनेलाइजेशन पर आधारित कर्मकाण्ड से जुडे हो !!!!
…..
अमेरिका के सतरहवें राष्ट्रपति इब्राहिम लिंकन के पिता – मोची थे ..
वहां रंगभेद था, आज भी हैं, मगर ओबामा दो बार लगातार राष्ट्रपति चुने गये,,
श्वेत अश्वेत की वजहा से नहीं,,
……
वहां ईसाई धर्म के लोग है ! काले गोरे लोग हैं .
सभी को व्यक्तिगत क्षमताओं के आधार पर काबिलियत के आधार पर व्यवहार होता है,
ऐसे में भारत के अलावा – कोई अन्य देश धार्मिक नहीं है – प्यारे 😊
…….
३ – पाकिस्तान और बांग्लादेश दोनों मुस्लिम देश हैं, मगर धार्मिक नहीं हैं –
…….
४ – अमेरिका में तथाकथित आचार्य भगवान् रजनीश का रजनीशपुरम में – देश को अस्थिर करने वाली गतिविधियों को देखा – उसे धार्मिक देश की शरण में वापिस आना पड़ा ,,
……….
५ – लंका सोना धातु से बने होने की चर्चा है,
मगर आभूषणों का निर्माण बाद में हुआ,
क्योंकि वे गले में सोने की चेन डालकर
ऊपर का बटन खुला नहीं,
छोड़ते थे .।।।
….
स्वर्ण की कीमत – उसका भौतिक संगठन है,
जो मनुष्य का भी है,
मगर धर्म ने विभिन्न आयामों में बांटकर छोड़ दिया !
ब्राह्मण श्रेष्ठ है,
शूद्र अछूत ???
यह बिन धर्म !
कैसे संभव हो सकता है !
….
सोने में खुशबू आई के नहीं ☺️
व्यवहार में वैश्विक मुद्रा बनी के नहीं,
जिस देश के पास अधिक है,,
वे आज भी नहीं पहनते,,
ये तो अधजल गगरी का कमाल है .।।
शेष धार्मिक परिवेश परिदृश्य बनता है ..

50 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Mahender Singh
View all

You may also like these posts

महानायक दशानन रावण भाग:02 by karan Bansiboreliya
महानायक दशानन रावण भाग:02 by karan Bansiboreliya
Karan Bansiboreliya
मासूम बच्चे बड़े हो जाते हैं...
मासूम बच्चे बड़े हो जाते हैं...
Ajit Kumar "Karn"
कैसी निःशब्दता
कैसी निःशब्दता
Dr fauzia Naseem shad
विनती
विनती
Kanchan Khanna
I think she had lost herself
I think she had lost herself
VINOD CHAUHAN
संशय ऐसा रक्तबीज है
संशय ऐसा रक्तबीज है
महेश चन्द्र त्रिपाठी
*भ्रष्टाचार की पाठशाला (हास्य-व्यंग्य)*
*भ्रष्टाचार की पाठशाला (हास्य-व्यंग्य)*
Ravi Prakash
।।
।।
*प्रणय प्रभात*
॥॰॥॰॥॰॰आतिथि आगमन॰॰॥॰॥॰॥
॥॰॥॰॥॰॰आतिथि आगमन॰॰॥॰॥॰॥
Dr. Vaishali Verma
ऐ दिल की उड़ान
ऐ दिल की उड़ान
Minal Aggarwal
नींव_ही_कमजोर_पड़_रही_है_गृहस्थी_की___
नींव_ही_कमजोर_पड़_रही_है_गृहस्थी_की___
पूर्वार्थ
Interest vs interrupt
Interest vs interrupt
Rj Anand Prajapati
युगों-युगों तक
युगों-युगों तक
Harminder Kaur
चलते-चलते
चलते-चलते
NAVNEET SINGH
दलितजनों जागो
दलितजनों जागो
डिजेन्द्र कुर्रे
3858.💐 *पूर्णिका* 💐
3858.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
पेड़ पौधे फूल तितली सब बनाता कौन है।
पेड़ पौधे फूल तितली सब बनाता कौन है।
सत्य कुमार प्रेमी
*यक्ष प्रश्न*
*यक्ष प्रश्न*
Pallavi Mishra
इक नज़्म
इक नज़्म
Meenakshi Bhatnagar
मुझे भी तुम्हारी तरह चाय से मुहब्बत है,
मुझे भी तुम्हारी तरह चाय से मुहब्बत है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
मधुमास सा
मधुमास सा
Pratibha Pandey
इंद्रियों की भूख ही व्यक्ति को अपने मौलिक जीवन के लक्ष्य से
इंद्रियों की भूख ही व्यक्ति को अपने मौलिक जीवन के लक्ष्य से
Rj Anand Prajapati
देश की संस्कृति और सभ्यता की ,
देश की संस्कृति और सभ्यता की ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
मेरे महबूब ने मुझको साहिल अपना बनाया है।
मेरे महबूब ने मुझको साहिल अपना बनाया है।
Madhu Gupta "अपराजिता"
श्रीजल सा अश्रु
श्रीजल सा अश्रु
पं अंजू पांडेय अश्रु
6. GREAT MOTHER ( An Acrostic Poem )
6. GREAT MOTHER ( An Acrostic Poem )
Ahtesham Ahmad
मुझे भाता है
मुझे भाता है
हिमांशु Kulshrestha
उद्देश और लक्ष्य की परिकल्पना मनुष्य स्वयं करता है और उस लक्
उद्देश और लक्ष्य की परिकल्पना मनुष्य स्वयं करता है और उस लक्
DrLakshman Jha Parimal
अपना बन जायेगा
अपना बन जायेगा
Ghanshyam Poddar
भले दुनिया हमें जो कहे ,
भले दुनिया हमें जो कहे ,
Saurabh Kumar
Loading...