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7 Feb 2025 · 1 min read

धरती काँपे दर्द से , रोता है आसमान ,

धरती काँपे दर्द से , रोता है आसमान ,
रक्त रगों में सूखता, छिड़ती है दास्तान।
✍️नील रूहानी

1 Like · 35 Views
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