खिलौना बना आदमी देखिए
बहाते सदा नीर को लेखिए ,
खिलौना बना आदमी देखिए |
कहानी बनाये करे भी अदा,
विधाता बने भी जहाँ में सदा |
अविद्या रखे भी उन्हें लेखिए,
खिलौना बना आदमी देखिए ||
पढ़े गीत गीता मनोभाव से,
सदा जोड़ कर भी बड़े चाव से |
अभिख्या बचाता मनुज परिखिए,
खिलौना बना आदमी देखिए ||
बचाते सदा जीव बाजार में,
किचन में पका स्वाद आहार में |
अभिख्यात अभिधा समर लेखिए,
खिलौना बना आदमी देखिए |
बने दान दाता जहाँ में सभी,
खुदी को मिटा चाह में भी अभी |
निराला कथन कुछ स्वयं लेखिए ,
खिलौना बना आदमी देखिए ||
___संजय निराला