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5 Feb 2025 · 1 min read

*वंदे भारत ट्रेन (कुंडलिया)*

वंदे भारत ट्रेन (कुंडलिया)
_________________________
आगे बढ़ती रेलवे, अद्भुत इसकी देन
वायुयान-सी लग रही, वंदे भारत ट्रेन
वंदे भारत ट्रेन, अलौकिक दृश्य सुहाता
भीतर का आभास, हवाई-यात्रा लाता
कहते रवि कविराय, भाग्य भारत के जागे
वंदे भारत ट्रेन, सभी ट्रेनों में आगे
—————————————-
रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा (निकट मिस्टन गंज), रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997 615 451

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