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5 Feb 2025 · 1 min read

कुछ हाल बतानें आई हु आज एक बात सुनाने आई हु कि सिर्फ वक्त ही

कुछ हाल बतानें आई हु आज एक बात सुनाने आई हु कि सिर्फ वक्त ही नहीं हालात बदलते देखें हैं मेंने अपनों को बदलता देखा है मैंने बेगानों में अपनापन देखा है क्या कहुं मैंने धर्म मज़हब पर लोगों को झगड़ते देखा है तो वहीं मैंने धर्म मज़हब में भेदभाव न रखने वाले देश के जवान को शीत गर्मी सहते देखा है

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