आखिरी सांस जब बची मेरी

उनको अब याद आ गई मेरी
आखिरी सांस जब बची मेरी
तेरी यादों की छाँव थी जब तक
दोस्ती धूप से रही मेरी
साथ अपने ये दिल भी ले जाओ
शय ये किस काम की बची मेरी
फिर किसी को न देख पाऊँ मैं
ले लो आँखों की रोशनी मेरी
अपने साए से बात करता रहा
इस तरह शब गुज़र गईं मेरी
हर ख़बर थी तेरे न आने की
आस कैसे न टूटती मेरी
दर्द तूफ़ान बन के आया था
आज फिर मौत टल गई मेरी
ख़्वाब पूरा न हो सका अरशद
रात फिर नींद उड़ गई मेरी
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