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5 Feb 2025 · 1 min read

बताये तुम्हें क्या सुनोगे जहाँ ,

बताये तुम्हें क्या सुनोगे जहाँ ,
झमेले बहुत है जगत में यहाँ |

सुहाते रिझाते अमय हो सभी,
नियम को बनाये अनय ले अभी |
पका स्वाद संदेश हो कह कहा,
झमेले बहुत है जगत में यहाँ ||

दिये मान सिल को अभिख्यात है,
बिके भूख में तन दिनातीत है |
बने दीन अभिधा बताओ कहाँ,
झमेले बहुत है जगत में यहाँ ||

बताये यहाँ क्या सुनोगे सही,
सनातन हमे तुम कहोगे नही |
यही भूल होते जगत में रहा,
टुटे संग अपने लिए मद महा |

मिटाओ हृदय द्वेष आ अब मिले,
परख सत्य साथी जहाँ में चले |
निराला कशमकश सुने तुम कहाँ,
झमेले बहुत है जगत में यहाँ ||
____संजय निराला

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