मात नमामि जग कल्याणी,मुझ पर कृपा कर देना

मात नमामि जग कल्याणी,मुझ पर कृपा कर देना
तेरी शरण में पड़ा भिखारी _खाली झोली भर देना
मां रेवा तू कल कल बहती झर झर करती चलती है
तेरे आंचल की छाया_ में सारी_ दुनिया पलती है
✍️कृष्णकांत गुर्जर
मात नमामि जग कल्याणी,मुझ पर कृपा कर देना
तेरी शरण में पड़ा भिखारी _खाली झोली भर देना
मां रेवा तू कल कल बहती झर झर करती चलती है
तेरे आंचल की छाया_ में सारी_ दुनिया पलती है
✍️कृष्णकांत गुर्जर