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4 Feb 2025 · 1 min read

सनातनी

सनातनी

युद्ध हो,समर हो, लड़ाई हो,या झगड़ा हो,
जंग हो,या मुठभेड़, आपसी तनातनी।

कभी-कभी अनचाहे, करना ही पड़ती है,
रुकती नहीं है भले,बात हो सुधा सनी।

प्रीति नहीं मानता जो, नीति नहीं मानता जो,
ठानकर ठान करें ठाकुर ठनाठनी।

सत्य शौर्य साधना में,सतत हो सना-तन,
सत्ता के झुकाये नहीं,झुकता सनातनी।

गुरु सक्सेना
फ़रवरी 25

Language: Hindi
14 Views
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