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15 Feb 2025 · 1 min read

तुम हो एक ख़्वाब से भरी दौलत

छू ना सको जिसे,
उसको जी भर कर देखने में हर्ज क्या है!!

कहानी न बन सको उसकी,
तो एक खुबसूरत लम्हा बनने में हर्ज क्या है!!

दो जिस्म एक जान है हम दोनों,
तुझे बेइंतिहा प्यार करने में हर्ज क्या है!!

तुम हो एक ख़्वाब से भरी दौलत,
मुझमें लुटाने में तुझे हर्ज ही क्या है!!

©️🖊️ डॉ. शशांक शर्मा “रईस”

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