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3 Feb 2025 · 1 min read

स्वागत में ऋतुराज के, सुरभित चली बयार,

स्वागत में ऋतुराज के, सुरभित चली बयार,
दहके पुष्प पलाश के, विहंस रहे कचनार

©️ डॉ. शशांक शर्मा “रईस”

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